जीवन का संघर्ष | The struggle of Life | Motivational Guideline
हेलो दोस्तों एक बार फिर से आपका स्वागत है Motivational Guideline में, हमने पिछले article मे बात की थी मेहनत और सफलता की उम्मीद करता हुं कि आपको पिछला article पसंद आया होगा। दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है संघर्ष की। उम्मीद करता हुं आपको यह भी पसंद आयेगा
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अब हम बात कर लेते है संघर्ष की, दोस्तों संघर्ष को यदि हमारे जीवन का अभिन्न अंग कहा जाये तो बिल्कुल भी गलत नही है। हमारे जीवन मे ही नही बल्कि पशु-पक्षी तथा हर प्राणी के जीवन मे संघर्ष होता है। दोस्तों हम हमेशा एक दुसरे से आगे बढ़ने, ज्यादा कमाने, ज्यादा काम करने, ज्यादा चीजों को पाने और भी बहुत कुछ पाने के लिये संघर्ष करते है।
दोस्तों संघर्ष बिना हम कुछ भी नही कर सकते, हमे कोई भी चीज़ ऐसे ही नही मिल जाती हमे हर चीजों को पाने के लिये संघर्ष करना पढता है। जीवन का दुसरा नाम ही संघर्ष है। यदि आप संघर्ष करते है तो आप जरूर सफल होगें और सफलता से आप हमेशा ही खुश रहेंगे, कहा भी जाता है कि अपनी जिन्दगी के कुछ पलों मे खुब सारी मेहनत करो और बाकी की जिन्दगी आराम से गुजारो
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दोस्तों किसी ने क्या खूब कहा है जरा ध्यान से पढियेगा
कहते है कि हमारी समस्याएं एक वाशिंग मशीन की तरह होती है और हम मशीन मे कपड़े की तरह, वाशिंग मशीन हमे कपड़े की तरह खूब घुमाती है। और फिर बाद मे सूखा देती है। इसी तरह हम भी समस्याओं से घूम कर बाहर आते है और फिर एक दम कपड़े की तरह साफ और सुंदर हो जाते है। इसलिए संघर्ष के समय हमे मुसीबत का सामना डटकर करना चाहिए।
दोस्तों संघर्ष होना हमारे जीवन मे बहुत जरूरी है। इसी कारण हम नयी-नयी चीजों को समझ पाते है। संघर्ष के समय ही हमे जीवन का सही मतलब पता चलता है। संघर्ष के समय ही हम अपने दिमाग का कई तरह से प्रयोग करते है। इससे हमारे सोचने की क्षमता भी बढ़ती है। दोस्तों यदि हमे हर चीज़ आसानी से मिल जाये तो हम भविष्य मे छोटी छोटी समस्याओं का सामना नही कर पायेंगे चलो इस विषय पर आपको एक कहानी सुनाते है।
ये कहानी है एक छोटे से बच्चे की एक बगीचे में एक बच्चा खेल रही था। खेलने के थोड़ी देर बाद वह आराम के लिए एक पेड़ के निचे बैठ गया। तभी उसकी नजर पेड़ में एक छेद पर पड़ी और उसने देखा कि उस छेद के अंदर एक तितली थी, जो उस छोटे से छेद से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रही थी
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थोड़ी देर तक यह देखने के बाद उस बच्चे को उस तितली पर दया आ गयी और उसने उस छेद को और बड़ा कर दिया। छेद बड़ा होते ही तितली बाहर निकल गयी और थोड़ी ही देर के बाद वह तितली गिर कर मर गयी। बच्चे को यह सब देख कर बहुत आश्चर्य हुआ और उसने अपनी मां के पास पहुंच कर उसे सारी बात बतायी।
मां ने कहा- बेटा, तुमको उस तितली को आजाद करने के लिए उस पेड़ के छेद को बड़ा नहीं करना चाहिए था। बच्चे ने उत्सुकतावश पूछा- क्यों माँ, मैं तो केवल उस तितली को आजाद होने में उसकी मदद कर रहा था।
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तभी मां ने कहा, जब तितली उस छेद से बाहर आने के लिए संघर्ष कर रही थी, तो इससे उसके पंखों सहित पूरे शरीर को मजबूती मिल रही थी। और फिर वह आगे अपने जीवन की कई समस्याओं का सामना स्वयं करने में सक्षम हो जाती, लेकिन तुमने छेद को बड़ा कर उस तितली को संघर्ष करने का अवसर ही नहीं दिया, जिससे बाहर निकल कर वह तितली किसी छोटी कठिनाई का भी सामना नहीं कर सकी और उसने दम तोड़ दिया।
इसलिये संघर्ष को हमेशा जीवन का हिस्सा समझो और उससे भागने का प्रयास कभी मत करो, क्योंकि संघर्षशील व्यक्ति को अपनी मंजिल हासिल करने में दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती, क्योंकि उसके पास जुनून होता है, जो उससे कोई नहीं छीन सकता।
दोस्तों आप सब से उम्मीद करता हुँ कि आप इन बातो को जरूर अपने जीवन मे अपनायेगें हमारी अने वाली नयी जानकारी के लिये हमे SUBSCRIBE करना ना भुलियेगा